प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में नई व्यवस्था बनाते हुए बहू या विधवा बहू को भी फैमिली की श्रेणी में रखने आदेश दिया है। इसके साथ ही सरकार से 5 अगस्त 2019 के आदेश में परिवर्तन करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फैमिली में बेटी से अधिक बहू का अधिकार है। लेकिन, UP आवश्यक वस्तु (वितरण के विनियम का नियंत्रण) आदेश 2016 में बहू को फैमिली की श्रेणी में नहीं रखा गया है और इसी बेस पर उसने (प्रदेश सरकार) 2019 का आदेश जारी किया है, जिसमें बहू को फैमिली की श्रेणी में नहीं रखा गया है।
इसी कारण बहू को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। फैमिली में बहू का अधिकार बेटी से ज्यादा है। फिर बहू चाहे विधवा हो या न हो। वह भी बेटी (तलाकशुदा या विधवा भी) की तरह ही फैमिली का हिस्सा है। हाईकोर्ट में अपने इस आदेश में उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (सुपरा), सुधा जैन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, गीता श्रीवास्तव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के केस का हवाला भी दिया और याची पुष्पा देवी के आवेदन को स्वीकार करने का निर्देश देते हुए उसके नाम से राशन की दुकान का आवंटन करने का निर्देश दिया है।