चेकिंग के दौरान मेरठ में सिटी स्टेशन पर 3 फर्जी रेलवे कर्मचारियों को पकड़ा गया। इनके पास से रेलवे मुख्यालय के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और पहचान पत्र मिले हैं। रेलवे अधिकारियों ने तीनों को जीआरपी को सौंप दिया है। आरोपियों ने बताया है कि पांच-पांच लाख लेकर दिल्ली से तीनों को ज्वाइनिंग दी गई है। मामले की जांच आरंभ हो गई है। माना जा रहा है कि इस मामले के पीछे किसी गैंग का हाथ हो सकता है।
मुख्य टिकट पर्यवेक्षक सुनील और वाणिज्य निरीक्षक गुरजीत सिंह शुक्रवार को चेकिंग कर रहे थे। सिटी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर तीनों युवक भर्ती के लिए आ रहे थे। इनके पास रेलवे का प्राधिकृत पहचान पत्र था। मुजफ्फरनगर जिले के गांव रुकनपुर के रहने वाले आशीष कुमार के पास जूनियर क्लर्क, पानीपत के गांव रमरा निवासी भोला के पास जूनियर क्लर्क का पहचान पत्र, रुकनपुर के ही अनुज कुमार का सहायक लोको पायलट मिला। मुख्यालय से जांच कराई तो तीनों के कागजात फर्जी मिले।
पूछताछ में तीनों ने बताया कि पांच-पांच लाख रुपये लेकर डीआरमए कार्यालय दिल्ली से दीपक नाम के व्यक्ति ने पहचान पत्र और ज्वाइनिंग लेटर जारी किया है। रेलवे अधिकारियों ने दीपक नाम के व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश कि तो वह स्विच ऑफ आता रहा। अब रेलवे में फर्जी नियुक्ति कराने वाले गैंग पर पुलिस की जांच आरंभ हो गई है। तीनों युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।