मेरठ । शुक्रवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज में शल्य चिकित्सा विभाग ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस दौरान चिकित्सकों की टीम में 55 वर्षीय महिला के गले से 12 सेमी व 15 सेमी लंबी गांठ (थाइरोइड ग्रंथि) निकालकर सफल ऑपरेशन किया। महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है। प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने डॉ विशाल सक्सेना, डॉ विनीत धामा, डॉ संगीता व उनकी पूरी टीम को साहसिक व सफल ऑपरेशन के लिये शुभकामनाएं दी।
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वीडी पांडेय ने बताया कि बागपत निवासी महिला मरीज उर्मिला दो वर्ष से गले की गांठ से पीड़ित थी। गले की ये गांठ बहुत बड़ी होने की वजह से श्वास नली (ट्रेकिया) पर दबाव बना रही थी। इसने नली को एक ओर धकेल दिया था। जिससे महिला को सांस लेने में भी बहुत समस्या झेलनी पड़ रही थी। यह केस शल्य चिकित्सा विभाग के डॉ विशाल सक्सेना, एनेस्थीसिया विभाग के आचार्य डॉ विपिन धामा और डॉ संगीता के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती श्वास नली में ट्यूब डालकर मरीज को बेहोश करना था। गांठ के दबाव के कारण नली पूरी तरह से टेढीहो चुकी थी। इससे मरीज की जान को खतरा भी बना हुआ था। हालांकि रिस्क देखने के बाद एनेस्थिसिया टीम में पूरी सावधानी, सतर्कता व सूझबूझ के साथ मरीज को बेहोशी की दवाई दी। शल्य चिकित्सकों की टीम ने गांठ का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर उसको निकालने में सफलता पाई। उन्होंने बताया कि गांठ के निकल जाने के बाद महिला की श्वास नली बिल्कुल सीधी हो गई। अब महिला को श्वास लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि महिला अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है और स्वस्थ है।