मेरठ। सरधना के बुबुकपुर गांव में किसान सुनील चौधरी के बेटे तुषार को आसपास के गांवों के लोग खेती का बड़ा जानकार कहते हैं। वे सभी तुषार से खेती, मिट्टी और फसलों के संबंध में जानकारी लेने भी आते हैं। महज खीरे की खेती कर तुषार हर साल खासी कमाई कर रहे हैं। बेटे की मेहनत के चलते तुषार के पिता सुनील चौधरी को लखनऊ कृषि विभाग गेस्ट लेक्चर के लिए भी बुला चुका है। आज जहां युवा गांव की मिट्टी और खेती से भाग रहे हैं ऐसे में तुषार का खेती से जुड़े रहना सभी को चौंकाता है। तुषार ने इस खेती के लिए लाखों रुपए के पैकेज की नौकरी छोड़ी। अपनी मैनेजमेंट की डिग्री का मोह भी त्याग दिया। स्कूलिंग के बाद तुषार ने देश के टॉप कॉलेज सिंबायसिस से एमबीए किया। एमबीए के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में कैम्पस सिलेक्शन से 80 लाख रुपए के पैकेज की नौकरी मिली। मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी तुषार को रास नहीं आई और नौकरी छोड़कर अपने गांव बुबुकपुर लौट आए। जहां पिता के साथ खेती में हाथ बंटाने लगे। तुषार कहते हैं निजी कंपनी की नौकरी चाहे कितने बड़े पैकेज की हो है तो नौकरी ही ।