मेरठ । मेरठ में हवा की रफ्तार में कमी आते ही प्रदूषण का ग्राफ एक बार फिर से ऊपर चढ़ने लगा है। मेरठ में बुधवार को हवा की गुणवत्ता एक बार फिर से खतरनाक कैटेगरी में पहुंच गई। जयभीम नगर, गंगा नगर और पल्लवपुरम केंद्रों पर PM-10 और PM-2.5 का लेवल 400 से ऊपर बना हुआ है। इन केंद्रों पर दोनों प्रदूषकों का अधिकतम लेवल 480 तक रिकॉर्ड हुआ है। औसत AQI भी 300 से ऊपर बनी हुई है।
नवंबर माह में मेरठ में इस वर्ष एक भी दिन लोगों को सांस लेने को साफ हवा नहीं मिल सकी है। बीते दो सालों की तुलना में इस वर्ष मेरठ में नवंबर में प्रदूषण ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक अच्छी बारिश के बिना प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, परंतु फिलहाल इसके आसार नहीं है। अलग-अलग मौसम वेबसाइट के मुताबिक नवंबर में 3 से 4 पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर पहुंचते हैं और इनमें से एक या दो मैदानों में बारिश देते हुए प्रभावित करते हैं, परंतु इस वर्ष नवंबर में अभी तक कोई सशक्त पश्चिमी विक्षोभ नहीं पहुंचा है। इसके चलते प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। हालांकि दिसंबर में बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में मेरठ समेत पूरे उत्तर भारत को नवंबर के बचे हुए दिनों में भी प्रदूषण की मार झेलनी होगी।