शहीद प्रदर्शनी के मेले पर जांच के बाद होगा निर्णय

0
69

मेरठ । नगर में शहीदों की याद में प्रत्येक वर्ष लगने वाली प्रदर्शनी को संचालित करने वाली मेला समिति पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रदर्शनी ठेकेदार ने मंडलायुक्त व डीएम से लिखित शिकायत करते हुए इस मामले की जांच कराने की मांग की है। उधर एसडीएम मवाना को मेला समिति के पदाधिकारियों व ठेकेदार ने अपने-अपने साक्ष्य सौंपे। अब एसडीएम द्वारा जल्द निर्णय लिया जाएगा।

तहसील मैदान में काफी वर्षों से प्रदर्शनी लगाई जाती है। प्रदर्शनी में काम करने वाले मोहल्ला कल्याण सिंह निवासी ठेकेदार साबिर ने बताया कि उसके पास 2014 से 2019 तक शहीद चन्द्रभान स्मारक समिति द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का ठेका रहा है। वर्ष 2020-21 में कोरोना के चलते प्रदर्शनी का आयोजन नहीं किया जा सका। साबिर ने 11 अगस्त को मंडलायुक्त व डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा कि प्रदर्शनी को तीन लोग संचालित करते हैं। प्रत्येक साल 15-20 लाख रुपए का ठेका छोड़ते हैं और गुप्त रूप से झूलों आदि की कमाई में अलग से हिस्सा लेते हैं। उसने 11 अगस्त को मंडलायुक्त व डीएम को सौंपे गए साक्ष्यों में दस अगस्त 2005 के तत्कालीन डीएम चन्द्रभानु का पत्र भी लगाया है, जिसमें उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स मेरठ को लिखा था। पत्र में कहा गया कि शहीद स्मारक समिति के स्वयं के द्वारा बनाये गये बायलाज का पालन नहीं किया गया है। समिति द्वारा बैंक की पास बुक व चेक बुक जांच के लिए प्रस्तुत नहीं की गई है। तत्कालीन मुख्य कोषाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट डीएम को भेजी थी। 16 सितम्बर 2005 को तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार योगेश चन्द्र यादव ने डीएम को भेजी जांच रिपोर्ट में कहा था कि संस्था के पदाधिाकरियों ने संस्था की पंजीकृत नियमावली का पालन नहीं करते हुए वित्तीय अनियमितताएं बरती हैं। इस कारण धारा 12 डी के तहत पंजीकरण को निरस्त करने का नोटिस जारी किया गया।

इस मामले में एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि 11 अगस्त को शहीद स्मारक समिति के पदाधिकारियों व ठेकेदार ने अपने-अपने साक्ष्य उन्हें दिए है। दोनों के द्वारा दिए गए साक्ष्यों की जांच गंभीरता से की जा रही है। ठेकेदार ने पूर्व के डीएम व डिप्टी रजिस्ट्रार की जांच के साक्ष्य भी उन्हें दिए है। जांच के बाद जल्द ही निर्णय दिया जायेगा।

वहीं शहीद प्रदर्शनी समिति के पदाधिकारी असलम एडवोकेट ने बताया कि इस साल ठेकेदार साबिर को प्रदर्शनी का ठेका नहीं दिया गया, जबकि 2014 से 2019 तक उसके पास ठेका रहा है। इस साल ठेका नहीं देने पर वह आरोप लगा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने साक्ष्य एसडीएम को सौंप दिए हैं। यह प्रदर्शनी केवल मनोरंजन के लिए लगाई जाती है, बहुत कम खर्च पर अमीर-गरीब अपने परिवार को मेले में लाकर मनोरंजन करा सकता है। अकारण ठेकेदार साबिर द्वारा इस मामले को तूल दिया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here