यूएस डिप्लोमेट ने चीन को दिखाई भारत की ताकत, कहा- हमारा दोस्त है, तुम्हारे पास कौन है?

0
315

वॉशिंगटन. चीन के अगले अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स होंगे. उनके नाम का एलान की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन ने किया है. अपना पद पर आने से पहले ही वह चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने चीन को आड़े हाथों लेते हुए 2 टूक कहा है कि वह हिमालयी सीमा पर भारत के विरुद्ध आक्रामक हो रहा है. अमेरिका को चीन सरकार को नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में जवाबदेह बनाना होगा. साथ ही उन्होंने शिनजियांग में मुस्लिमों के नरसंहार और ताइवान जैसे ज्वलंत मुद्दे पर बयान देकर चीन को आड़े हाथों लिया. चीन की ओर अभी इस पर जवाब नहीं आया है.

बर्न्स ने चीन में अमेरिकी राजदूत के तौर पर अपने नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई के दौरान सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के मेम्बर्स से बुधवार को कहा कि चीन को जहां चुनौती देने की जरूरत है, अमेरिका उसे वहां चुनौती देगा. उन्होंने कहा कि जब भी चीन अमेरिकी मूल्यों एवं हितों के विरुद्ध कदम उठाएगा, अमेरिका या उसके सहयोगियों की सुरक्षा को खतरा पैदा करेगा या नियम आधारित इंटरनेशनल व्यवस्था को कमजोर करेगा, अमेरिका उसके विरुद्ध कदम उठाएगा. बर्न्स ने कहा, ‘चीन हिमालयी सीमा के निकट भारत के विरुद्ध, दक्षिण चीन सागर में वियतनाम, फिलीपीन और अन्य के विरुद्ध, पूर्वी चीन सागर में जापान के विरुद्ध आक्रामक रहा है. उसने ऑस्ट्रेलिया और लिथुआनिया को डराने-धमकाने अभियान चलाया है.’

उन्होंने कहा, ‘चीन द्वारा शिनजियांग में नरसंहार और तिब्बत में उत्पीड़न करना, हांगकांग की स्वायत्तता एवं स्वतंत्रता का गला घोंटना और ताइवान को धमकाना अन्यायपूर्ण है और इसे रोकना चाहिए.’ बर्न्स ने कहा कि ताइवान के विरुद्ध बीजिंग की मुख्य रूप से हालिया कार्रवाई आक्रामक है. अमेरिका को अपनी ‘एक चीन नीति’ का पालन करना जारी रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘हमारा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का सपोर्ट करना और हिंद-प्रशांत इलाके में यथास्थिति एवं स्थिरता को कमजोर करने वाली एकतरफा कार्रवाई का विरोध करना भी उपयुक्त है.’

बर्न्स ने कहा कि अमेरिका नौकरियों एवं ईकनोमि और बुनियादी ढांचे संबंधी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों सहित उन इलाकों में चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा करेगा, जहां ऐसा करने की जरूरत है तथा वह जलवायु बदलाव, नशीले पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और निरस्त्रीकरण सहित ऐसे मामलों में चीन के साथ सहयोग करेगा, जो उसके पक्ष में हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here